Bachpan Ki Kahaniya
Short Description
चक्रपाणि कानन की इस संग्रह में सात काल्पनिक कहानियाँ हैं, जो बच्चों की मानसिक उत्कृष्टता और उनकी मासूमियत को उजागर करती हैं। हर कहानी एक अनोखे दृष्टिकोण से भरी हुई है, जिसमें बच्चों की साहसिकता, कल्पना और परिपक्वता की झलक मिलती है।
- "भ्रम और सच्चाई" में, बच्चों के मन की जटिलताओं और भ्रमों की सुंदरता को उजागर किया गया है।
- "लकड़ी की सीढ़ियाँ" एक ऐसी कहानी है जिसमें एक बच्चे ने अपनी खुद की कला और सहायता का महत्व सीखा।
- "टाटा मद्रास का ट्रेन सफ़र" में एक बच्चे का यात्रा अनुभव और उसकी नई खोजें शामिल हैं।
- "पर्दा गिरा पर नाटक चालु" में बच्चों की उत्सुकता और जीवन के प्रति उनके उत्साह का वर्णन है।
- "मार्च का मार्च" में, एक बच्चे की अंग्रेज़ी शब्दावली के प्रति अनूठी सोच को दिखाया गया है।
- "मेहनत का ठंडा फल" में बच्चों की मेहनत और उनकी खुद की चुनौतियों से लड़ने की क्षमता का उल्लेख है।
- "तिलकवाती से बच के" में, बच्चों की सतर्कता और अनोखी समस्याओं का सामना करने की क्षमता पर प्रकाश डाला गया है।
इन कहानियों में बच्चों की दुनिया की अनगिनत रंग-बिरंगी परतें और उनके अद्भुत विचार प्रस्तुत किए गए हैं, जो हर पाठक को एक नई दृष्टि प्रदान करते हैं।
पहली पाँच कहानियाँ Amazon India पर उपलब्ध हैं, जबकि छठी कहानी Amazon KDP eBook में पढ़ी जा सकती है।
More Information
ISBN 13 | 9798885751971 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Publishing Year | 2024 |
Total Pages | 160 |
Edition | First |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Short stories Literature & Fiction Poetry Children's Literature & Fiction |
Weight | 180.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 1.60 |
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ABOUT THE BOOK:
कहानियों के मुख़्य पात्र बच्चे हैं। ये कहानियाँ बच्चों के अद्भुत मानसिक उत्कृष्टता को दर्शाती हैं। सारी कहानियाँ काल्पनिक हैं । इस पुस्तक के सात कहानियों के कुछ संवाद:
“सर सुना है मैडम के सात बच्चे हैं फिर आठवें के लिए आप इतने परेशान क्यों ”
—भ्रम और सच्चाई
“लगा जैसे मैंने तुम्हारी कोई मदद नहीं की इसलिए रात जागकर रंगोली बना डाली ”
— लकड़ी की सीढ़ियाँ
“जानते हो आज मैंने क्या लाया है ”
— टाटा मद्रास का ट्रेन सफ़र
“बच्चों घबराओ मत पर्दा गिरा तो क्या नाटक चालु ”
— पर्दा गिरा पर नाटक चालु
“सर ये अंग्रेज़ी के श्रुतिसम भिनार्थक शब्द है ”
— मार्च का मार्च
“क्या करूँ खोमचेवालों से आइसक्रीम ख़रीदने को डर लगता है ”
— मेहनत का ठंडा फल
“लगता है आज तिलकवाती ने फिर स्कूटर चलायी है ”
— तिलकवाती से बच के
चक्रपाणि कानन ने तेरह कहानियों का संकलन बनाया है। सारी कहानियाँ हिन्दी में लिखी हुई हैं। पहली पाँच कहानियाँ amazon India में उपलब्ध हैं। छँटवी कहानी amazon KDP के eBook में उपलब्ध है।