Uff Ye Maulana: India Fights Corona
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ISBN 13 | 9781942426318 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Edition | 1st |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Non-Fiction Offers |
Weight | 400.00 g |
Dimension | 14.00 x 2.00 x 22.00 |
Product Details
कोरोना काल का एक विचारोत्तेजक दस्तावेज
दुनिया भर में कोरोना एक महामारी की शक्ल में ही आया, लेकिन कोरोना के आगमन के साथ ही भारत में तबलीग की धुन अलग से सुनी गई। कोरोना एक वायरस था, जिससे निपटने के लिए अस्पतालों और डॉक्टरों को ही जुटना था। वे संसार भर में जूझ भी रहे थे, लेकिन भारत में डॉक्टरों से ज्यादा पुलिस, अदालत और जेलों में हलचल मची। ऐसे दृश्य दुनिया के किसी भी देश में दिखाई नहीं दिए, जब गली-मोहल्लों में गए मेडिकल जाँच दलों को बेइज्जत किया गया और उन पर जानलेवा हमले हुए।
कुछ लोग कोरोना को मजाक समझ रहे थे। उन्हें लग रहा था कि यह उनके खिलाफ सरकार की कोई साजिश है, जो एक साथ इकट्ठे होकर इबादत से रोका जा रहा है या पूजास्थल बंद किए जा रहे हैं। कोरोना के विकट समय भारत का सामुदायिक चरित्र भी उजागर होता हुआ सबने देखा। शाहीनबाग का मजमा सिमटते ही जैसे उन्हीं आवाजों का शोर कोरोना पर सवार हो गया था।
जब एक महामारी के कारण देश और दुनिया इतिहास की सबसे संकटपूर्ण स्थिति में फँसी हो और समाज का कोई तबका अलग और उलट ढंग से पेश आए तो यह किसी भी सभ्य समाज और मजबूत सरकार के लिए नजरअंदाज करने वाली घटना नहीं है। भारतीय संदर्भ में यह किताब कोरोना काल का एक विचारोत्तेजक दस्तावेज है