Menu
Category All Category
Wo Hindi Medium Wala: Mool Bhartiyon Ka Vidroh Aur Ubharta Raashtravaad
Wo Hindi Medium Wala
Product Description

-:ABOUT THE BOOK:-

मूल बात पहले। ये पुस्तक इस धारणा को तोड़ती है कि भारत स्वतन्त्र है, और दिखाती है कि हमलोगों ने विदेशी सांस्कृतिक दासता को अपने मानस में आत्मसात् कर लिया है और अब तो उसकी अनुभूति भी हमें नहीं होती।

अमिताभ सत्यम् इस मानसिकता और मूल भारतीय संस्कृति के प्रति हेय दृष्टि रखने वाले व्यवहार का विस्तृत विश्लेषण करते हैं। उनकी बात करते हैं जो भारतीय भाषा बोलते हैं, भारतीय भोजन करते हैं, भारतीय परम्पराओं का पालन करते हैं, और इस कारण “वो हिन्दी मीडियम वाला” जैसे अपमानजनक सम्बोधन को सहते हैं।

अँगरेज़ी को उच्च स्तरीय नौकरियों की आवश्यकता के रूप में स्थापित करके हम सौ करोड़ भारतीयों की प्रतिभा को नकार देते हैं। अँगरेज़ी नहीं बोलने के कारण करोड़ों प्रतिभावान लोग ड्राइवर, सिक्युरिटी गार्ड और नौकर बन कर रह जाते हैं।

मूल भारतीय आज अँगरेज़ी-मीडियमों द्वारा थोपी गई श्रेष्ठता के विरुद्ध विद्रोह कर रहे हैं। ये पुस्तक इन्ही भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करती है।

पुस्तक पैने व्यंगात्मक परिहास और व्यक्तिगत अनुभवों से परिपूर्ण है। ये मात्र गुदगुदाती ही नहीं, हमारी इस मानसिकता पर गहन विचार करने को प्रेरित भी करती है।

Product Details
ISBN 13 9798885750516
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2025
Total Pages 244
Edition First
Publishers Garuda Prakashan  
Category Society & Social Sciences   Culture  
Weight 250.00 g
Dimension 14.00 x 22.00 x 2.50

Add a Review

0.0
0 Reviews
Product Description

-:ABOUT THE BOOK:-

मूल बात पहले। ये पुस्तक इस धारणा को तोड़ती है कि भारत स्वतन्त्र है, और दिखाती है कि हमलोगों ने विदेशी सांस्कृतिक दासता को अपने मानस में आत्मसात् कर लिया है और अब तो उसकी अनुभूति भी हमें नहीं होती।

अमिताभ सत्यम् इस मानसिकता और मूल भारतीय संस्कृति के प्रति हेय दृष्टि रखने वाले व्यवहार का विस्तृत विश्लेषण करते हैं। उनकी बात करते हैं जो भारतीय भाषा बोलते हैं, भारतीय भोजन करते हैं, भारतीय परम्पराओं का पालन करते हैं, और इस कारण “वो हिन्दी मीडियम वाला” जैसे अपमानजनक सम्बोधन को सहते हैं।

अँगरेज़ी को उच्च स्तरीय नौकरियों की आवश्यकता के रूप में स्थापित करके हम सौ करोड़ भारतीयों की प्रतिभा को नकार देते हैं। अँगरेज़ी नहीं बोलने के कारण करोड़ों प्रतिभावान लोग ड्राइवर, सिक्युरिटी गार्ड और नौकर बन कर रह जाते हैं।

मूल भारतीय आज अँगरेज़ी-मीडियमों द्वारा थोपी गई श्रेष्ठता के विरुद्ध विद्रोह कर रहे हैं। ये पुस्तक इन्ही भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करती है।

पुस्तक पैने व्यंगात्मक परिहास और व्यक्तिगत अनुभवों से परिपूर्ण है। ये मात्र गुदगुदाती ही नहीं, हमारी इस मानसिकता पर गहन विचार करने को प्रेरित भी करती है।

Product Details
ISBN 13 9798885750516
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2025
Total Pages 244
Edition First
Publishers Garuda Prakashan  
Category Society & Social Sciences   Culture  
Weight 250.00 g
Dimension 14.00 x 22.00 x 2.50

Add a Review

0.0
0 Reviews
Frequently Bought Together

Garuda International

This Item: Wo Hindi Medium Wala: Mool Bhartiyon Ka Vidroh Aur...

$ 14.00

Garuda Internation...

$ 16.99

Choose items to buy together
Wo Hindi Medium Wala: Mool Bhartiyon Ka Vidroh Aur Ubharta Raashtravaad
by   Amitabh Satyam (Author)  
by   Amitabh Satyam (Author)   (show less)
Verify Verified by Garuda
verified-by-garuda Verified by Garuda
$ 20.00$ 14.00
$ 20.00$ 14.00
This price includes Shipping and Handling charges
Frequently Bought Together

Garuda International

This Item: Wo Hindi Medium Wala: Mool Bhartiyon Ka Vidroh Aur...

$ 14.00

Garuda Internation...

$ 16.99

Choose items to buy together
whatsapp