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भारत और आस-पास के देशों पिछले कुछ वर्षों में हुई छः घटनाओं की गहरी पड़ताल, तथा इन संगठनों को भारत के बाहर से मिलने वाली आर्थिक सहायता और इन सभी शक्तियों के आपस में जुड़े होने के प्रमाण के साथ, लेखक ने स्पष्ट किया है कि भारत को अपनी ही सीमाओं के अंदर किनसे खतरा है; और हमें किनसे सचेत रहना चाहिए। ये घटनाएँ—चाहे वो पीएफआई (PFI) की गतिविधियाँ हो, झारखंड में ‘पथलगड़ी’ हो, या फिर श्री लंका में हुए बम धमाके—एक दूसरे से अलग दिखते भी अलग-अलग नहीं है।
ये पुस्तक बिनय जी लोकप्रिय अंग्रेजी पुस्तक Bleeding India: Four Aggressors, Thousand Cuts का हिंदी संस्करण है।
ISBN 13 | 978-1942426790 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 236 |
Release Year | 2021 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Freedom & Security Books |
Weight | 260.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 2.00 |
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भारत और आस-पास के देशों पिछले कुछ वर्षों में हुई छः घटनाओं की गहरी पड़ताल, तथा इन संगठनों को भारत के बाहर से मिलने वाली आर्थिक सहायता और इन सभी शक्तियों के आपस में जुड़े होने के प्रमाण के साथ, लेखक ने स्पष्ट किया है कि भारत को अपनी ही सीमाओं के अंदर किनसे खतरा है; और हमें किनसे सचेत रहना चाहिए। ये घटनाएँ—चाहे वो पीएफआई (PFI) की गतिविधियाँ हो, झारखंड में ‘पथलगड़ी’ हो, या फिर श्री लंका में हुए बम धमाके—एक दूसरे से अलग दिखते भी अलग-अलग नहीं है।
ये पुस्तक बिनय जी लोकप्रिय अंग्रेजी पुस्तक Bleeding India: Four Aggressors, Thousand Cuts का हिंदी संस्करण है।
ISBN 13 | 978-1942426790 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 236 |
Release Year | 2021 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Freedom & Security Books |
Weight | 260.00 g |
Dimension | 14.00 x 22.00 x 2.00 |
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