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Shauryakarman: Arjun aur Abhimanyu kee Veergaatha
Shauryakarman: Arjun aur Abhimanyu kee Veergaatha
Product Description

ABOUT THE BOOK:-

अर्जुन एक श्रेष्ठ धनुर्धर थे, इस तथ्य से तो सब अवगत हैं परन्तु कितने श्रेष्ठ थे? क्या वह कर्ण से अधिक श्रेष्ठ थे? क्या वह भीष्म पितामह से अधिक श्रेष्ठ थे? क्या वे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे, अथवा उनसे श्रेष्ठ भी कोई था?

अभिमन्यु का वध कौरवों ने छल से, और क्षात्र धर्मों का उल्लंघन करते हुए किया। परन्तु वध के पूर्व अभिमन्यु ने कैसा युद्ध किया? किन वीरों से उनका युद्ध हुआ? उन युद्धों के परिणाम क्या थे?

ये कुछ ऐसे प्रश्न है जिनका उत्तर आपको समकालीन पुस्तकों में नहीं मिलेगा। टीवी और चलचित्रों से इतिहास का ज्ञान लेने वाले इस युग में वास्तविक इतिहास कहीं दूर पीछे छूट गया है। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और फारसी की मिश्रित भाषा में लिखित समकालीन पुस्तक, अर्जुन के शौर्य के विषय में मौन ही रहते हैं और अभिमन्यु को तो केवल एक दुःखार्त चरित्र के रूप में ही परिभाषित करते हैं। महाभारत के दो महावीरों का यह विकृत चित्रीकरण, महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत का सर्वथा अपमान है।

इस पुस्तक में लेखक भाषा की शुद्धता और काव्य के लय पर ध्यान देने के साथ, इन दो महावीरों का सम्पूर्ण चरित्र चित्रण भी करते हैं। आशा है कि यह पुस्तक पाठकों को महर्षि वेदव्यास के मूल महाभारत की ओर आकर्षित करेगी।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

इस पुस्तक में लेखक ने महाभारत की कथाओं को नई दृष्टि से देखने का प्रयास किया है।

इस मनोरम कविता में, अर्जुन, अभिमन्यु तथा महाभारत के अन्य पात्रों की कथाएँ मानों स्वयं ही बोल उठती है। भाषा शैली उत्कृष्ट है और लय ऐसा कि इसे सुर-बद्ध कर गाया भी जा सकता है। इस अभूतपूर्व रचना के सृजन के लिए अतुल जी को कोटि कोटि साधुवाद।

— अशोक श्रीवास्तव

Senior Editor, DD News

यह केवल एक कविता मात्र नहीं वरन एक यात्रा है - जो आपको अभिमन्यु और अर्जुन की वीरता से परिचित कराती है। शास्त्रीय संस्कृतनिष्ठ हिंदी पर अतुल जी की पकड़ सराहनीय है। भारतीय पद्य इतिहास में यह महाकाव्य अपना एक अलग स्थान बनाएगी।

— हर्ष गुप्ता "मधुसूदन"

Investor, Economist and Best-Selling Author

Product Details
ISBN 13 9798885751544
Book Language Sanskrit and Classical Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2024
Total Pages 324
Edition First
Publishers Garuda Prakashan  
Category Poetry   History of Religion   Religion & Spirituality  
Weight 300.00 g
Dimension 14.00 x 22.00 x 2.00

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अर्जुन एक श्रेष्ठ धनुर्धर थे, इस तथ्य से तो सब अवगत हैं परन्तु कितने श्रेष्ठ थे? क्या वह कर्ण से अधिक श्रेष्ठ थे? क्या वह भीष्म पितामह से अधिक श्रेष्ठ थे? क्या वे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे, अथवा उनसे श्रेष्ठ भी कोई था?

अभिमन्यु का वध कौरवों ने छल से, और क्षात्र धर्मों का उल्लंघन करते हुए किया। परन्तु वध के पूर्व अभिमन्यु ने कैसा युद्ध किया? किन वीरों से उनका युद्ध हुआ? उन युद्धों के परिणाम क्या थे?

ये कुछ ऐसे प्रश्न है जिनका उत्तर आपको समकालीन पुस्तकों में नहीं मिलेगा। टीवी और चलचित्रों से इतिहास का ज्ञान लेने वाले इस युग में वास्तविक इतिहास कहीं दूर पीछे छूट गया है। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और फारसी की मिश्रित भाषा में लिखित समकालीन पुस्तक, अर्जुन के शौर्य के विषय में मौन ही रहते हैं और अभिमन्यु को तो केवल एक दुःखार्त चरित्र के रूप में ही परिभाषित करते हैं। महाभारत के दो महावीरों का यह विकृत चित्रीकरण, महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत का सर्वथा अपमान है।

इस पुस्तक में लेखक भाषा की शुद्धता और काव्य के लय पर ध्यान देने के साथ, इन दो महावीरों का सम्पूर्ण चरित्र चित्रण भी करते हैं। आशा है कि यह पुस्तक पाठकों को महर्षि वेदव्यास के मूल महाभारत की ओर आकर्षित करेगी।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

इस पुस्तक में लेखक ने महाभारत की कथाओं को नई दृष्टि से देखने का प्रयास किया है।

इस मनोरम कविता में, अर्जुन, अभिमन्यु तथा महाभारत के अन्य पात्रों की कथाएँ मानों स्वयं ही बोल उठती है। भाषा शैली उत्कृष्ट है और लय ऐसा कि इसे सुर-बद्ध कर गाया भी जा सकता है। इस अभूतपूर्व रचना के सृजन के लिए अतुल जी को कोटि कोटि साधुवाद।

— अशोक श्रीवास्तव

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यह केवल एक कविता मात्र नहीं वरन एक यात्रा है - जो आपको अभिमन्यु और अर्जुन की वीरता से परिचित कराती है। शास्त्रीय संस्कृतनिष्ठ हिंदी पर अतुल जी की पकड़ सराहनीय है। भारतीय पद्य इतिहास में यह महाकाव्य अपना एक अलग स्थान बनाएगी।

— हर्ष गुप्ता "मधुसूदन"

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ISBN 13 9798885751544
Book Language Sanskrit and Classical Hindi
Binding Paperback
Publishing Year 2024
Total Pages 324
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Category Poetry   History of Religion   Religion & Spirituality  
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