Jeevan Mein Bhagwadgeeta
Short Description
लेखक ने नेतृत्व, प्रबंधन, गृहस्थ धर्म, आहार, शिक्षक, विद्यार्थी, कर्तव्यनिष्ठा, किशोरावस्था, रोग, मृत्यु, पर्यावरण, परोपकार, प्रसन्नता, वाणी संयम, पुरुषार्थ, लोभ, अहंकार आदि मनुष्य जीवन से जुड़े लगभग सभी आयामों पर गीता के आलोक में चर्चा की है।
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More Information
ISBN 13 | 9798885750691 |
Total Pages | 320 |
Release Year | 2023 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | History of Civilization & Culture Ancient Scriptures |
Weight | 340.00 g |
Dimension | 15.24 x 22.86 x 0.75 |
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Product Details
अनिल कुमार गुप्ता की “जीवन में भगवद्गीता” बताती है कि आज के व्यवहारिक युग में श्रीमद्भागवद्गीता कैसे प्रासंगिक होने के साथ-साथ हमें सही मार्ग दिखा सकती है। इस पुस्तक में लेखक ने गीता के श्लोकों का सन्दर्भ देते हुए न सिर्फ आपाधापी भरे जीवन में उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य समस्यायों के निराकरण का मार्ग दिखाया है, वरन आज के जीवन में जिन गुणों की हमें आवश्यकता है, उन्हें हम कैसे निखार सकते हैं, इसके बारे में भी विस्तार से बताया है। सरल भाषा में लिखी ये पुस्तक अपने गुरु के सानिध्य में रह कर लेखक के लगभग 40 वर्षों के अध्ययन, विवेचन एवं चिंतन का सार है। इस पुस्तक में नाना प्रकार के विषय, जो तथाकथित आधुनिक जीवन में सभी को उलझा देते हैं, उनको गीता के परिप्रेक्ष्य में रख कर देखने से मिलने वाले उत्तरों को रखा गया है। लेखक ने नेतृत्व, प्रबंधन, गृहस्थ धर्म, आहार, शिक्षक, विद्यार्थी, कर्तव्यनिष्ठा, किशोरावस्था, रोग, मृत्यु, पर्यावरण, परोपकार, प्रसन्नता, वाणी संयम, पुरुषार्थ, लोभ, अहंकार आदि मनुष्य जीवन से जुड़े लगभग सभी आयामों पर गीता के आलोक में चर्चा की है।
“प्रस्तुत पुस्तक में भौतिक विकास और आध्यात्मिक विकास का सुन्दर समन्वय है।”
प्रोफेसर एच सी वर्मा, पद्म श्री
पूर्व प्रोफेसर, आईआईटी (कानपुर)