Bharatpur Ka Surajmal: Jaat Yoddhaon ki Anupam Shaurya Gaatha
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ISBN 13 | 978-1942426943 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 293 |
Edition | 2021 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Fiction Military History Historical Fiction War Stories Offers |
Weight | 350.00 g |
Dimension | 12.70 x 19.80 x 2.00 |
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दिल्ली से अपना शासन चलाने वाले मुग़ल शासक औरंगजेब और अफगानिस्तान से बुलाए गए आक्रान्ता, अहमद शाह अब्दाली को भारत में दिल्ली, मथुरा, भरतपुर, आगरा, यानी दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों में बहुत जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था। इतना ही नहीं, इन आक्रान्ताओं को बारम्बार पराजय भी झेलनी पड़ी और इस सफल चुनौती का झंडा फहराया था यहाँ के जाट सरदारों ने। भारत के इतिहास में इनकी सफलता और वीरता की ये कथा भुला दी गई।
मुनीष त्रिपाठी की "भरतपुर का सूरजमल: जाट योद्धाओं की अनुपम शौर्य गाथा" इन शोध-आधारित कथाओं को एक रोचक सूत्र में पिरोते हुए पाठकों के सामने रखती है। भरतपुर के सूरजमल से राजा चूड़ामन से लेकर जवाहर सिंह तक की वीरता की कहानी इस पुस्तक में है। कम ही लोग जानते होंगे कि जाटों ने आगरा और अन्य किलों पर भी कब्जा कर लिया था।