Menu
Category All Category
Sarasvati Sabhyata: Pracheen Bharatiya Itihaas Mein Ek Mahatvapoorna Parivartan
Sarasvati Sabhyata: Pracheen Bharatiya Itihaas Mein Ek Mahatvapoorna Parivartan
Product Description

हड़प्पा निवासी कौन थे? वे आज के भारतीय से किस तरह संबंधित थे? क्या कभी कोई आर्य आक्रमण हुआ भी? 'सरस्वती सभ्यता: प्राचीन भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन' नामक यह पुस्तक सैटेलाइट चित्रों, भौगोलिक विज्ञान, पुरातत्व सर्वेक्षण, पुरालेखों, डीएनए शोधों और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में हुए नए शोधों और स्पष्टीकरणों को सामने लाती है। प्राचीन भारतीय इतिहास से जुड़े ये शोध अंग्रेजों के समय में उपलब्ध नहीं थे। जिसके कारण 19वी शताब्दी में सरस्वती नदी घाटी के बारे में कई तथ्य सामने नहीं आ पाए। आज से लगभग पांच से छह हजार साल पहले, महान सरस्वती नदी अपने पूर्ण प्रवाह में वेगवान रूप से विद्यमान थी। यह भारतीय सभ्यता का कें द्र बिंदु थी। जिस सिंधु घाटी सभ्यता की हमेशा बात की जाती है, वह लगभग 60 से 80 प्रतिशत सरस्वती नदी के तटों पर बसी थी, न की सिंधु नदी घाटी के तटों पर। भारतीय इ तिहास के अध्ययन में सरस्वती नदी का सूख जाना बहुत बड़ा घटनाक्रम रहा है जिसके कारण प्राचीन भारतीयों को पलायन करना पड़ा। नए साक्ष्यों की मौजूदगी के साथ अब वह समय आ गया है, जब भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पहलूओं को ठीक से समझा जा सके। यह पुस्तक प्रामाणिक भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए नए द्वार खोलती है।

Product Details
ISBN 13 9781942426332
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishers Garuda Prakashan  
Category Ancient History   Jaipur Dialogues   Offers  
Weight 300.00 g
Dimension 14.00 x 2.00 x 22.00

Add a Review

0.0
0 Reviews
Product Description

हड़प्पा निवासी कौन थे? वे आज के भारतीय से किस तरह संबंधित थे? क्या कभी कोई आर्य आक्रमण हुआ भी? 'सरस्वती सभ्यता: प्राचीन भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन' नामक यह पुस्तक सैटेलाइट चित्रों, भौगोलिक विज्ञान, पुरातत्व सर्वेक्षण, पुरालेखों, डीएनए शोधों और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में हुए नए शोधों और स्पष्टीकरणों को सामने लाती है। प्राचीन भारतीय इतिहास से जुड़े ये शोध अंग्रेजों के समय में उपलब्ध नहीं थे। जिसके कारण 19वी शताब्दी में सरस्वती नदी घाटी के बारे में कई तथ्य सामने नहीं आ पाए। आज से लगभग पांच से छह हजार साल पहले, महान सरस्वती नदी अपने पूर्ण प्रवाह में वेगवान रूप से विद्यमान थी। यह भारतीय सभ्यता का कें द्र बिंदु थी। जिस सिंधु घाटी सभ्यता की हमेशा बात की जाती है, वह लगभग 60 से 80 प्रतिशत सरस्वती नदी के तटों पर बसी थी, न की सिंधु नदी घाटी के तटों पर। भारतीय इ तिहास के अध्ययन में सरस्वती नदी का सूख जाना बहुत बड़ा घटनाक्रम रहा है जिसके कारण प्राचीन भारतीयों को पलायन करना पड़ा। नए साक्ष्यों की मौजूदगी के साथ अब वह समय आ गया है, जब भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पहलूओं को ठीक से समझा जा सके। यह पुस्तक प्रामाणिक भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए नए द्वार खोलती है।

Product Details
ISBN 13 9781942426332
Book Language Hindi
Binding Paperback
Publishers Garuda Prakashan  
Category Ancient History   Jaipur Dialogues   Offers  
Weight 300.00 g
Dimension 14.00 x 2.00 x 22.00

Add a Review

0.0
0 Reviews
Frequently Bought Together

Garuda International

This Item: Sarasvati Sabhyata: Pracheen Bharatiya Itihaas Mei...

$ 0.00

Garuda Internation...

$ 0.00

Garuda Internation...

$ 0.00

Choose items to buy together
Sarasvati Sabhyata: Pracheen Bharatiya Itihaas Mein Ek Mahatvapoorna Parivartan
by   Maj. Gen. G D Bakshi (Author)  
by   Maj. Gen. G D Bakshi (Author)   (show less)
Verify Verified by Garuda
verified-by-garuda Verified by Garuda
$ 19.00
$ 19.00
This price includes Shipping and Handling charges
Frequently Bought Together

Garuda International

This Item: Sarasvati Sabhyata: Pracheen Bharatiya Itihaas Mei...

$ 0.00

Garuda Internation...

$ 0.00

Garuda Internation...

$ 0.00

Choose items to buy together
whatsapp