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Modi Ne Churaya Mera Mask

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Product Description
“कोविड-19 की दूसरी लहर, जिससे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार समेत कोई नहीं बचा, की एक बेहद सूक्ष्म समीक्षा। लेखकों ने प्रत्येक मुद्दे से संबंधित सभी पक्षों का बेहद मजबूती से आकलन किया है। किसी भी सांख्यिकीविद् के लिए बेहद सुखद। अगर आप इस पुस्तक को नहीं पढ़ते हैं, तो आपके गलत जानकारियों से त्रस्त रहने का जोखिम है।” महेश जेठमलानी, राज्यसभा सांसद, वरिष्ठ अधिवक्ता, बंबई उच्च न्यायालय
“कोविड-19 महामारी के व्यापक प्रभाव और मोदी और उनकी सरकार ने इससे कैसे निबटा, इसका विस्तृत वर्णन करती एक बेहद शानदार पुस्तक! लेखकों ने सारे शोर-शराबे के पीछे का सत्य सामने के लिए डाटा और एनालिटिक्स का प्रयोग किया है और डर फैलाने वाली उन शक्यियों को बेनकाब किया है जिनका इरादा सिर्फ एक व्यक्ति का बदनाम करने का था! सभी भारतीयों को ये पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।” टीवी मोहनदास पई, अध्यक्ष, आरिन कैपिटल पार्टनर्स
“कोविड-19 महामारी को लेकर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करने वाली एक बेहद बारीकी से जुटाई गई और विस्तृत जानकारी प्रदान करती पुस्तक।” डॉ मकरंद आर परांजपे, प्रोफेसर, लेखक, निदेशक, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज (शिमला)
“लेखकों ने भारत और उसके इस महामारी से निबटने के तरीके का एक बेहद विस्तृत और व्यावहारिक खाका खींचा है। उनके द्वारा किया गया श्रमसाध्य शोध और विस्तृत विश्लेषण शानदार है। बहुधा ही ऐसा होता है कि लोग जीवन को बदलने वाली घटनाओं पर इतनी जल्दी ध्यान देते हैं जितनी जल्दी अमित और सैवियो ने दिया है।” सुहेल सेठ, अभिनेता, लेखक, रणनीतिक ब्रैंड विपणन विशेषज्ञ
“भारतीय कोविड विवाद को लेकर एक डमी गाइड। कोविड से प्रेरित राजनीति के प्रत्येक संभावित पहलू को लेकर डाटा आधारित प्रमाणीकरण और खंडन। #कोविडियट्स द्वारा उलझन में डाल दिए गए अपने मस्तिष्क को साफ करने के लिए ये किताब जरूर पढ़ें।” डॉ रतन शारदा, लेखक, जीवनी लेखक, स्तंभकार, ईआरपी कंसल्टेंट
अमित बगड़िया ने एक सफल उद्यमी से लेखक बनने का सफर तय किया है और वे 5 वर्षों तक भारत के शीर्ष चिकित्सालय सलाहकार रहे हैं। वे मार्च 2018 से अबतक 11 कथेतर किताबें और 2 काल्पनिक उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें से 6 शीर्ष सबसे अधिक बिकने वाली किताबें रही हैं। उनकी लिखी 5 किताबों का अनुवाद हिन्दी में हो चुका है। इसके अलावा वे 6 मीडिया संस्थानों के साथ स्तम्भकार के रूप में भी जुड़े हुए हैं।
सैवियो रॉड्रिग्स मीडिया, आईटी और भूमि-भवन बिक्री के व्यापार में रुचि रखने वाले एक उद्यमी हैं, और उन्हें पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में 25 से भी अधिक वर्षों का अनुभव है। वे गोवा क्रोनिकल के संस्थापक और प्रधान संपादक होने के साथ भारतीय और वैश्विक टीवी और वेब परिचर्चाओं के एक स्थायी प्रतिभागी हैं। वे जल्द ही न्यूज़-एक्स और इंडिया न्यूज़ पर दो साप्ताहिक टीवी कार्यक्रमों को प्रस्तुत करेंगे।
Product Details
ISBN 13 | 978-1942426653 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 191 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Government Governance & Reforms Amit Bagaria's Collection Non-Fiction |
Weight | 250.00 g |
Dimension | 15.00 x 23.00 x 2.00 |
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“कोविड-19 की दूसरी लहर, जिससे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार समेत कोई नहीं बचा, की एक बेहद सूक्ष्म समीक्षा। लेखकों ने प्रत्येक मुद्दे से संबंधित सभी पक्षों का बेहद मजबूती से आकलन किया है। किसी भी सांख्यिकीविद् के लिए बेहद सुखद। अगर आप इस पुस्तक को नहीं पढ़ते हैं, तो आपके गलत जानकारियों से त्रस्त रहने का जोखिम है।” महेश जेठमलानी, राज्यसभा सांसद, वरिष्ठ अधिवक्ता, बंबई उच्च न्यायालय
“कोविड-19 महामारी के व्यापक प्रभाव और मोदी और उनकी सरकार ने इससे कैसे निबटा, इसका विस्तृत वर्णन करती एक बेहद शानदार पुस्तक! लेखकों ने सारे शोर-शराबे के पीछे का सत्य सामने के लिए डाटा और एनालिटिक्स का प्रयोग किया है और डर फैलाने वाली उन शक्यियों को बेनकाब किया है जिनका इरादा सिर्फ एक व्यक्ति का बदनाम करने का था! सभी भारतीयों को ये पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।” टीवी मोहनदास पई, अध्यक्ष, आरिन कैपिटल पार्टनर्स
“कोविड-19 महामारी को लेकर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करने वाली एक बेहद बारीकी से जुटाई गई और विस्तृत जानकारी प्रदान करती पुस्तक।” डॉ मकरंद आर परांजपे, प्रोफेसर, लेखक, निदेशक, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज (शिमला)
“लेखकों ने भारत और उसके इस महामारी से निबटने के तरीके का एक बेहद विस्तृत और व्यावहारिक खाका खींचा है। उनके द्वारा किया गया श्रमसाध्य शोध और विस्तृत विश्लेषण शानदार है। बहुधा ही ऐसा होता है कि लोग जीवन को बदलने वाली घटनाओं पर इतनी जल्दी ध्यान देते हैं जितनी जल्दी अमित और सैवियो ने दिया है।” सुहेल सेठ, अभिनेता, लेखक, रणनीतिक ब्रैंड विपणन विशेषज्ञ
“भारतीय कोविड विवाद को लेकर एक डमी गाइड। कोविड से प्रेरित राजनीति के प्रत्येक संभावित पहलू को लेकर डाटा आधारित प्रमाणीकरण और खंडन। #कोविडियट्स द्वारा उलझन में डाल दिए गए अपने मस्तिष्क को साफ करने के लिए ये किताब जरूर पढ़ें।” डॉ रतन शारदा, लेखक, जीवनी लेखक, स्तंभकार, ईआरपी कंसल्टेंट
अमित बगड़िया ने एक सफल उद्यमी से लेखक बनने का सफर तय किया है और वे 5 वर्षों तक भारत के शीर्ष चिकित्सालय सलाहकार रहे हैं। वे मार्च 2018 से अबतक 11 कथेतर किताबें और 2 काल्पनिक उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें से 6 शीर्ष सबसे अधिक बिकने वाली किताबें रही हैं। उनकी लिखी 5 किताबों का अनुवाद हिन्दी में हो चुका है। इसके अलावा वे 6 मीडिया संस्थानों के साथ स्तम्भकार के रूप में भी जुड़े हुए हैं।
सैवियो रॉड्रिग्स मीडिया, आईटी और भूमि-भवन बिक्री के व्यापार में रुचि रखने वाले एक उद्यमी हैं, और उन्हें पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में 25 से भी अधिक वर्षों का अनुभव है। वे गोवा क्रोनिकल के संस्थापक और प्रधान संपादक होने के साथ भारतीय और वैश्विक टीवी और वेब परिचर्चाओं के एक स्थायी प्रतिभागी हैं। वे जल्द ही न्यूज़-एक्स और इंडिया न्यूज़ पर दो साप्ताहिक टीवी कार्यक्रमों को प्रस्तुत करेंगे।
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ISBN 13 | 978-1942426653 |
Book Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Total Pages | 191 |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Government Governance & Reforms Amit Bagaria's Collection Non-Fiction |
Weight | 250.00 g |
Dimension | 15.00 x 23.00 x 2.00 |
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