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यह पुस्तक डॉ कल्याण कुमार डे के ऐतिहासिक शोध का एक मौलिक कार्य है, जो की 1971 में सार्वजानिक किये गए ब्रिटिश अभिलेखागार के प्रामाणिक अभिलेखों पर आधारित है। ये अभिलेख उस समय के प्रमुख ब्रिटिश नायकों के बीच भारत की स्थिति के बारे में पत्रों के आदान-प्रदान, रिपोर्टों एवं मिनटों के रूप में उपलब्ध हैं। भारत में उस समय के ब्रिटिश राज के प्रमुख पात्रों में एक ओर वाइसराय फील्ड मार्शल विसकाउंट वैवेल, ब्रिटिश भारतीय सेना के जनरल सर क्लॉड औचिनलेक एवं अन्य पदाधिकारी – जैसे विभिन्न राज्यों के राज्यपाल एवं गुप्तचर विभाग – और, दूसरी ओर, लन्दन में सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर इंडिया, लार्ड पेथिक लॉरेंस, एवं अन्य पदाधिकारी आपस में निरंतर संवाद कर रहे थे; जिसके फलस्वरूप अन्ततः उन्होंने भारत को शीघ्र छोड़ने का निर्णय लिया।
ISBN 13 | 978-1942426257 |
Book Language | Hindi |
Binding | 25 |
Edition | 1st |
Publishers | Garuda Prakashan |
Category | Social Impact Non-Fiction Offers |
Weight | 200.00 g |
Dimension | 14.00 x 2.00 x 22.00 |
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यह पुस्तक डॉ कल्याण कुमार डे के ऐतिहासिक शोध का एक मौलिक कार्य है, जो की 1971 में सार्वजानिक किये गए ब्रिटिश अभिलेखागार के प्रामाणिक अभिलेखों पर आधारित है। ये अभिलेख उस समय के प्रमुख ब्रिटिश नायकों के बीच भारत की स्थिति के बारे में पत्रों के आदान-प्रदान, रिपोर्टों एवं मिनटों के रूप में उपलब्ध हैं। भारत में उस समय के ब्रिटिश राज के प्रमुख पात्रों में एक ओर वाइसराय फील्ड मार्शल विसकाउंट वैवेल, ब्रिटिश भारतीय सेना के जनरल सर क्लॉड औचिनलेक एवं अन्य पदाधिकारी – जैसे विभिन्न राज्यों के राज्यपाल एवं गुप्तचर विभाग – और, दूसरी ओर, लन्दन में सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर इंडिया, लार्ड पेथिक लॉरेंस, एवं अन्य पदाधिकारी आपस में निरंतर संवाद कर रहे थे; जिसके फलस्वरूप अन्ततः उन्होंने भारत को शीघ्र छोड़ने का निर्णय लिया।
ISBN 13 | 978-1942426257 |
Book Language | Hindi |
Binding | 25 |
Edition | 1st |
Publishers | Garuda Prakashan |
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